``मेरे प्रबंधक ने मुझे बचा लिया! - धन्यवाद, मरीना!'' जब मैंने अपने पति के चेहरे पर मासूम मुस्कान देखी, तो मुझे पता था कि मैं कभी भी उन पर विश्वास नहीं कर पाऊंगी, भले ही मेरा मुंह फटा हुआ हो। - - मुझे डर था कि मेरे विरोध करने पर मैनेजर ने मुझे जबरदस्ती पकड़कर जो सिगरेट पी थी, उसका धुआं दिन-ब-दिन मेरे शरीर में गहराई तक जा रहा था। - - मुझे डर था कि मैं अब अपने पति की हल्की खुशबू नहीं सूंघ पाऊंगी। - - मैं इतना डर गया था कि कहीं मेरी नफरत प्यार में न बदल जाए। - - आपने देखा कि मैं बदल रहा था... कि मुझे बदला जा रहा था...